अंतर्राष्ट्रीय कला जगत व बाजार में खासी पहचान व धाक रखने वाले एमसीएच ग्रुप के इंडिया ऑर्ट फेयर से नाता तोड़ लेने के चलते बड़ी विदेशी गैलरीज तथा विदेशी मीडिया इंडिया ऑर्ट फेयर के इस बार के आयोजन से दूरी बनाती दिख रही हैं
इंडिया ऑर्ट फेयर के 30 जनवरी से 2 फरवरी के बीच दिल्ली में होने जा रहे 12वें संस्करण को लेकर विदेशी मीडिया, खासकर कला और कला बाजार से संबद्ध मीडिया द्वारा दिखाए जा रहे उदासीन रवैये के चलते इस बार वैसी गहमागहमी नहीं दिखाई दे रही है, जैसी पिछले संस्करणों को लेकर दिखती रही है । इसे इंडिया ऑर्ट फेयर की आयोजक कंपनी सेवेंथ प्लान नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड में बड़ी इक्विटी हिस्सेदारी रखने वाले एमसीएच ग्रुप के अलग हो जाने के प्रतिकूल प्रभाव के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । स्विट्ज़रलैंड के एमसीएच ग्रुप की अंतर्राष्ट्रीय कला जगत व बाजार में खासी धाक है, और इसके फैसले तथा इसके 'इशारे' कला जगत व बाजार को तरह तरह से प्रभावित करते हैं । दरअसल प्रख्यात तथा दुनिया के बड़े कला मेलों में गिने जाने वाले 'ऑर्ट बेजल' के आयोजन से जुड़े होने के कारण एमसीएच ग्रुप को यह हैसियत प्राप्त है । इसीलिए एमसीएच ग्रुप ने जब करीब तीन वर्ष पहले इंडिया ऑर्ट फेयर में करीब 65 प्रतिशत की बड़ी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी थी, तब अचानक से विश्व कला बाजार में इंडिया ऑर्ट फेयर की 'हैसियत' बढ़ गई थी । इंडिया ऑर्ट फेयर के पिछले दो संस्करणों में एमसीएच ग्रुप के कारण ही कई ब्ल्यु-चिप गैलरीज इंडिया ऑर्ट फेयर से जुड़ी थीं । इंडिया ऑर्ट फेयर को एमसीएच द्वारा 'हथियाने' के बाद इंडिया ऑर्ट फेयर की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा उलटफेर हुआ था जिसके चलते संस्थापक डायरेक्टर नेहा किरपाल को अपना पद छोड़ना पड़ा था, और ब्रिटिश नागरिक जगदीप जगपाल इंडिया ऑर्ट फेयर की डायरेक्टर बनीं थीं ।
एमसीएच ग्रुप ने करीब तीन महीने पहले जब इंडिया ऑर्ट फेयर से अपना नाता खत्म करने की घोषणा की थी, तब जगदीप जगपाल ने दावा किया था कि इससे इंडिया ऑर्ट फेयर 2020 पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा । उनका तर्क था कि फेयर 2020 की तैयारी डेढ़ वर्ष पहले शुरू हो गई थी, और अब जब एमसीएच ग्रुप फेयर से अलग हो रहा है - तब सारी तैयारी पूरी चुकी है, जिसमें एमसीएच ग्रुप लोगों की सक्रिय भागीदारी रही है । यह तर्क देते हुए जगदीप जगपाल लेकिन एक तथ्य छिपा गईं और वह यह कि एमसीएच ग्रुप के इंडिया ऑर्ट फेयर से अलग होने की चर्चा भी एक/डेढ़ वर्ष से चल रही थी, जिस कारण से कई प्रमुख विदेशी गैलरीज ने इंडिया ऑर्ट फेयर 2020 को संशय से 'देखना' शुरू कर दिया था और उससे दूरी बनाने/दिखाने लगे थीं । दरअसल एमसीएच ग्रुप जिस तरह से तीन वर्ष में ही इंडिया ऑर्ट फेयर से 'पक' गया और उससे अलग हो गया है, उसके चलते इंडिया ऑर्ट फेयर को विश्व कला जगत में तगड़ा झटका लगा है । इंडिया ऑर्ट फेयर में दिलचस्पी लेने के पीछे एमसीएच ग्रुप का इरादा दक्षिण एशिया की कला तथा उसके बाजार में अपनी पैठ बनाने का था, लेकिन लगता है कि इंडिया ऑर्ट फेयर के जरिये उसे अपने उक्त उद्देश्य में सफलता मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दी - और इसीलिए उसने जल्दी ही इंडिया ऑर्ट फेयर से किनारा कर लिया । एमसीएच ग्रुप की तरफ से लगे इस झटके के कारण विश्व कला जगत व बाजार में इंडिया ऑर्ट फेयर की पहचान व छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक ही है ।
इंडिया ऑर्ट फेयर की आयोजक कंपनी सेवेंथ प्लान नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड में एमसीएच ग्रुप ने अपनी 65 प्रतिशत इक्विटी हॉंगकॉंग की कंपनी एंगस मोंट्गोमेरी को बेची है, जिसके पास पहले से ही 35 प्रतिशत की इक्विटी थी, और इस तरह इंडिया ऑर्ट फेयर की पूरी कमान एंगस मोंट्गोमेरी के पास आ गई है । कहने के लिए तो एंगस मोंट्गोमेरी शुरू से ही इंडिया ऑर्ट फेयर से जुड़ी रही है, लेकिन यह हमेशा रही जूनियर पार्टनर ही है । यूँ तो यह कंपनी अन्य कई कला मेलों से जुड़ी है, लेकिन इसका कुल फोकस कला पर ही नहीं है; इसका काम मेलों का आयोजन करना ही है और यह माईनिंग से लेकर बिल्डिंग व हॉस्पिटिलिटी तक से जुड़े मेलों के आयोजन में संलग्न है । वास्तव में इसीलिए कला जगत व बाजार में इसकी 'हैसियत' लो-प्रोफाइल किस्म की ही है । मजे की जानकारी यह भी है कि एमसीएच ग्रुप पिछले करीब डेढ़ वर्ष से इंडिया ऑर्ट फेयर से अलग होने की कोशिशों में था, लेकिन उसे अपनी इक्विटी के लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा था । एंगस मोंट्गोमेरी ने शुरू में उक्त इक्विटी को खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई । बीच में एक भारतीय बिजनेसमैन द्वारा एमसीएच ग्रुप की इक्विटी खरीदने की चर्चा चली थी, लेकिन फिर वह आगे नहीं बढ़ी और अंततः एंगस मोंट्गोमेरी को उक्त इक्विटी खरीदना पड़ी । यह स्पष्ट नहीं है कि एंगस मोंट्गोमेरी उक्त इक्विटी को खरीदने के लिए किस मजबूरी या योजना के तहत तैयार हुई है; और यही बात इंडिया ऑर्ट फेयर की स्थिति पर संशय पैदा कर देती है और इस संशय के चलते ही 30 जनवरी से 2 फरवरी के बीच दिल्ली में होने वाले इंडिया ऑर्ट फेयर के 12वें संस्करण के प्रति बड़ी विदेशी गैलरीज तथा विदेशी मीडिया का रवैया ढीला-ढाला सा दिख रहा है और इसके नतीजे के रूप में इंडिया ऑर्ट फेयर के इस बार के आयोजन में वैसी रौनक नहीं जुट रही है, जैसी पहले जुटती/दिखती रही है ।
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