Posts

Showing posts from November, 2018

अनुपम रॉय को 'इमर्जिंग ऑर्टिस्ट अवॉर्ड'

Image
ऐसे समय में जबकि चित्रकार,  खासकर युवा चित्रकार राजनीतिक प्रसंगों/मुद्दों को  अपने चित्रों का विषय बनाने से बचते हैं,  33 वर्षीय अनुपम रॉय का वर्ष 2018 के लिए  'इमर्जिंग ऑर्टिस्ट अवॉर्ड' के लिए  चुना जाना उल्लेखनीय और समयानुकूल लगता है ।   अनुपम रॉय को अपने चित्रों में 'सिस्टम की हिंसा और अन्याय' को  प्रमुखता से अभिव्यक्त करने के लिए इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है ।  स्विट्जरलैंड की स्विस ऑर्ट्स काउंसिल के सहयोग से प्रत्येक वर्ष  फाउंडेशन फॉर इंडियन कंटेम्पररी ऑर्ट द्वारा  भारत में दृश्य  कला में अध्ययनरत व अभ्यासरत  युवा कलाकारों को कला के प्रति उनके समर्पण व उनकी प्रतिभा को  प्रोत्साहित करने के लिए यह अवॉर्ड दिया जाता है ।  चित्रकार मनीषा पारेख, चित्रकार व शिक्षाशास्त्री राखी पेसवानी,  कला इतिहासकार व क्यूरेटर लतिका गुप्ता तथा  स्विस ऑर्टिस्ट शिराना शहबाजी की चार सदस्यीय ज्यूरी ने  अवॉर्ड के लिए आए करीब 300 आवेदनों/प्रस्तावों में  अनुपम रॉय को अवॉर्ड के लिए चुना ।   अधिकृत रूप से बताया गया है कि  ज्यूरी सदस्य अनुपम के चित्रों में

कोच्ची-म्युज़िरिस बिएनाले के चौथे संस्करण के लिए अनिता दुबे को क्युरेटर बना कर एक महिला कलाकार पर भरोसा करके कोच्ची-म्युज़िरिस बिएनाले के आयोजकों द्वारा लूटी गई वाहवाही पर हैशटैग मीटू अभियान ने लेकिन पूरी तरह से पानी फेर दिया है

Image
कोच्ची-म्युज़िरिस बिएनाले की तैयारियों को जैसे ग्रहण लग गया है । केरल में आई विनाशकारी बाढ़ से हुए नुकसान को तो बिएनाले की तैयारियों ने किसी तरह झेल लिया था, लेकिन बिएनाले से जुड़े रियाज कोमु, राहुल भट्टाचार्या तथा वॉल्सन कूरमा कोल्लेरी जैसे बड़े नामों के मीटू हैशटैग में फँसने के चलते कोच्ची-म्युज़िरिस बिएनाले खासी मुसीबत में फँस गया है, और इससे उबरने की तमाम कोशिशों के बावजूद बिएनाले की तैयारियाँ सुस्त पड़ गई हैं ।  तैयारियाँ यूँ तो चल रही हैं, लेकिन बिएनाले से जुड़े लोगों का ही कहना है कि उनमें पहले जैसा जोश व उत्साह नहीं है । बिएनाले के लिए वॉलिंटियर्स के चुनाव का काम तो लगभग ठप ही बताया/सुना जा रहा है, क्योंकि वॉलिंटियरिंग के लिए युवा कलाकार आने रुक गए हैं । बिएनाले से जुड़े लोगों का कहना/बताना है कि बिएनाले से जुड़े बड़े और प्रभावी लोगों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के घेरे में आने के बाद बिएनाले के बाकी पदाधिकारी मनोवैज्ञानिक व नैतिक दबाव में आ गए हैं, जिसके चलते बिएनाले की तैयारियों पर खासा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है ।  उल्लेखनीय है कि मीटू हैशटैग की चपेट में आए रियाज कोमु कोच्ची-म्युज़िरिस बि