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पुष्पिता अवस्थी की प्रेम कविताएँ

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कानपुर में जन्मी, बनारस में पढ़ने और पढ़ाने वाली और नीदरलैंड में 'हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन' के निदेशक के रूप में हिंदी के पठन-पाठन की जिम्मेदारी निभा रहीं बहुमुखी प्रतिभा की धनी पुष्पिता अवस्थी का 'शैल प्रतिमाओं से' शीर्षक एक अनोखा कविता संग्रह है, जिसमें उनकी हिंदी में लिखी कविताओं के साथ अंग्रेजी और डच में हुए अनुवाद भी साथ-साथ प्रकाशित हुए हैं । इस संग्रह ने पुष्पिता जी की कविता की पहचान को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप दिया है । पुष्पिता जी की कविता का मुख्य स्वर प्रेम है । मौजूदा समय के घमासान में जहाँ सौन्दर्य-बोध के स्रोत तेजी से सूखते जा रहे हैं; जहाँ प्रेम को एकदम निजी अनुभूति मानकर व्यापक दृश्य से अलग किया जा रहा है या उसे निर्वासित करने की चेष्टा की जा रही है वहाँ प्रेम के लिए जगह तलाश कर उसे बचाए रखने का एक जरूरी हस्तक्षेप पुष्पिता जी की कविता ने किया है । पुष्पिता जी का रचना-संसार, जितना इस सं...