रवीन्द्रनाथ टैगोर की चित्र-कृतियों में जीवन और उसकी क्षणभंगुरता एवं निस्सारता का भाव देखा/पहचाना जा सकता है, जो उनकी कविता का भी मुख्य स्वर है
वर्ष 1861 में आज के दिन जन्मे रवीन्द्रनाथ टैगोर के बारे में यह तथ्य तो बहुत आम है कि उन्होंने एक हजार से ज्यादा कविताओं, दो हजार से ज्यादा गीतों, करीब दो दर्जन नाटकों, आठ उपन्यासों, कहानियों के आठ से ज्यादा संकलनों, राजनीतिक-सामाजिक-धार्मिक-साहि त्यिक विषयों पर तमाम लेखों की रचना की है; लेकिन यह जानकारी कम ही है कि उन्होंने करीब 2500 पेंटिंग्स व स्केचेज भी बनाए हैं, जिनमें से 1500 से कुछ ज्यादा शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविधालय के संग्रहालय में देखे जा सकते हैं । यह तथ्य भी गौरतलब तथा रोमांच पैदा करने वाला है कि वर्ष 1913 में 52 वर्ष की उम्र में साहित्य के लिये नोबेल पुरुस्कार प्राप्त करने वाले रवीन्द्रनाथ के चित्रों की पहली प्रदर्शनी वर्ष 1930 में जब हुई थी, तब वह 69 वर्ष के थे । दिलचस्प संयोग है कि 89 वर्ष पहले पेरिस में हुई रवीन्द्रनाथ के चित्रों की यह पहली प्रदर्शनी इन्हीं दिनों हुई थी । 5 मई से 19 मई 1930 के बीच हुई प्रदर्शनी की इतनी जोरदार चर्चा हुई कि इसके तुरंत बाद यह प्रदर्शनी कई यूरोपीय देशों में हुई । भारत में उनके चित्रों की पहली प्रदर्शनी पेरिस में हुई प्रदर...