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Showing posts from January, 2020

अंतर्राष्ट्रीय कला जगत व बाजार में खासी पहचान व धाक रखने वाले एमसीएच ग्रुप के इंडिया ऑर्ट फेयर से नाता तोड़ लेने के चलते बड़ी विदेशी गैलरीज तथा विदेशी मीडिया इंडिया ऑर्ट फेयर के इस बार के आयोजन से दूरी बनाती दिख रही हैं

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इंडिया ऑर्ट फेयर के 30 जनवरी से 2 फरवरी के बीच दिल्ली में होने जा रहे 12वें संस्करण को लेकर विदेशी मीडिया, खासकर कला और कला बाजार से संबद्ध मीडिया द्वारा दिखाए जा रहे उदासीन रवैये के चलते इस बार वैसी गहमागहमी नहीं दिखाई दे रही है, जैसी पिछले संस्करणों को लेकर दिखती रही है ।  इसे इंडिया ऑर्ट फेयर की आयोजक कंपनी सेवेंथ प्लान नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड में बड़ी इक्विटी हिस्सेदारी रखने वाले एमसीएच ग्रुप के अलग हो जाने के प्रतिकूल प्रभाव के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । स्विट्ज़रलैंड के एमसीएच ग्रुप की अंतर्राष्ट्रीय कला जगत व बाजार में खासी धाक है, और इसके फैसले तथा इसके 'इशारे' कला जगत व बाजार को तरह तरह से प्रभावित करते हैं । दरअसल प्रख्यात तथा दुनिया के बड़े कला मेलों में गिने जाने वाले 'ऑर्ट बेजल' के आयोजन से जुड़े होने के कारण एमसीएच ग्रुप को यह हैसियत प्राप्त है ।  इसीलिए एमसीएच ग्रुप ने जब करीब तीन वर्ष पहले इंडिया ऑर्ट फेयर में करीब 65 प्रतिशत की बड़ी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी थी, तब अचानक से विश्व कला बाजार में इंडिया ऑर्ट फेयर की 'हैसियत' बढ़ गई थी । इंडिया

सलमान तूर की कला

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मुझे क़तई यह इल्म नहीं था कि नेचर मोर्ते गैलरी मुझे इतने अनोखे आश्चर्य से भर देगी । दरअसल करीब साढ़े तीन वर्ष पहले न्यूयॉर्क में एकॉन गैलरी में जब पहली बार मैंने न्यूयॉर्क में रह रहे पाकिस्तानी चित्रकार सलमान तूर की पेंटिंग्स को देखा था, तब मैंने यह नहीं सोचा था कि उनकी पेंटिंग्स मुझे दिल्ली में भी देखने को मिल सकेंगी ।  इसीलिए नेचर मोर्ते गैलरी में सलमान तूर की पेंटिंग्स की एकल प्रदर्शनी को देखा, तो स्वाभाविक ही मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा । हालाँकि  इंडिया ऑर्ट फेयर के पिछले दिल्ली संस्करण में एकॉन गैलरी के सौजन्य से उनकी दो/तीन पेंटिंग्स  देखने का मौका मिला था । लेकिन नेचर मोर्ते में तो सलमान तूर की सृजनात्मकता का खजाना खुला मिला । दिल्ली ही नहीं, भारत में उनके चित्रों की यह पहली एकल प्रदर्शनी है । उनकी कुछेक पेंटिंग्स हालाँकि इंडिया ऑर्ट फेयर से पहले कोच्ची-मुज़िरिस बिएनाले में भी प्रदर्शित चुकी हैं ।  सलमान तूर के चित्रों के केंद्र में मनुष्य है, खासकर युवा मनुष्य - जीवन और रोजमर्रा के क्रियाकलापों में संलग्न, और इसलिए उनके चित्रों में प्रायः एक से अधिक ही मनुष्य दिखते है