Posts

Showing posts from February, 2020

कला बाजार में बड़ी पूँजी के बल पर ऑर्ट फेयर्स ने ऑर्ट गैलरीज को क्या ठीक उसी तरह से समर्पण करने के लिए मजबूर नहीं कर दिया है, जैसे कि ऑर्ट गैलरीज ने कलाकारों को कर दिया था ?

Image
कला जगत और कला बाजार में पूँजी के बढ़ते प्रवाह ने पहले कलाकारों को गैलरीज के सामने समर्पण करने के लिए मजबूर बनाया और अब गैलरीज को कला मेलों के सामने निरीह बना दिया है ।   इसके बिलकुल नए उदाहरण हाल ही में दिल्ली में आयोजित हुए इंडिया ऑर्ट फेयर और आज मनीला में उद्घाटित हुए ऑर्ट फेयर फिलीपींस से जुड़े प्रसंग में देखने को मिले । इंडिया ऑर्ट फेयर में इटालियन दूतावास साँस्कृतिक केंद्र के बूथ पर फेयर के स्टॉफ ने कलाकारों के साथ बदतमीजी करते हुए बूथ की गतिविधियों को रोक दिया तथा उसे बंद करवा दिया, लेकिन फेयर में भाग लेने वाली गैलरीज ने फेयर के आयोजकों के इस कला व कलाकार विरोधी रवैये पर चूँ तक नहीं की और बदतमीजी का शिकार होने वाले कलाकार अलग-थलग पड़ गए । फिलीपींस की राजधानी मनीला में तो और भी 'गजब' हुआ ।   ऑर्ट फेयर फिलीपींस के आयोजकों की हरकतों से निराश/परेशान हो कर मनीला की दस बड़ी ऑर्ट गैलरीज ने ऑर्ट फेयर फिलीपींस के इस वर्ष के आयोजन का बहिष्कार करने की घोषणा की तथा 'एएलटी फिलीपींस' नाम से पिछले सप्ताह एक अलग तीन दिवसीय कला मेला आयोजित किया । लेकिन इसका ऑर्ट फेयर फिलीपींस पर

इंडिया ऑर्ट फेयर में इटालियन दूतावास सांस्कृतिक केंद्र के बूथ पर कलाकारों के साथ बदतमीजी करते हुए बूथ की गतिविधियों को रोक देने और उसे बंद करवा देने की मनमानी कार्रवाई करके फेयर की डायरेक्टर जगदीप जगपाल ने वास्तव में अपने कला और कलाकार विरोधी रवैये को ही प्रदर्शित किया है

Image
इंडिया ऑर्ट फेयर के समापन से कुछ पहले इटालियन दूतावास सांस्कृतिक केंद्र के बूथ पर जो हुआ, वह इंडिया ऑर्ट फेयर के पदाधिकारियों तथा डायरेक्टर जगदीप जगपाल की साख को धूल में मिला देने के लिए काफी है ।  इस घटना ने दिखाया/बताया है कि कला को लेकर बड़ी बड़ी बातें करने वाले आयोजकों के लिए न तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई मतलब है, और न उनकी सोच व उनके व्यवहार में कलाकारों के प्रति कोई सम्मान है । उल्लेखनीय है कि इटालियन दूतावास सांस्कृतिक केंद्र के बूथ पर पहले ही दिन से लाइव कार्यक्रम चल रहे थे,  जिनमें भारतीय महिलाओं के संघर्षों व उनकी जिजीविषा को सौंदर्य, प्रेम, स्नेह, करुणा जैसे रूपों में अभिव्यक्त करने वाली कविताएँ पढ़ीं जा रही थीं; और एक कम्युनिटी प्रोजेक्ट के तहत आम महिलाओं द्वारा बनाये गए चित्रों को प्रदर्शित किया जा रहा था ।  मैना मुखर्जी ने इस आयोजन को क्यूरेट किया था । बूथ पर कई बार बताया गया था कि यह आयोजन भारतीय महिलाओं से संबद्ध है, और इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय महिलाओं के लचीलेपन व दृढ़ता के साथ एकता व समन्वय प्रकट करना है ।  चारों दिन इस बूथ पर होने वाले कार्यक्रमों में लोगों