तथ्यों के भारी जमावड़े के बावजूद 'हिस्ट्री एंड हैरिटेज' शीर्षक अपनी पुस्तक में डीएस कपूर न 'हिस्ट्री' दे पाए और न 'हैरिटेज' के साथ ही न्याय कर पाए

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निर्मला गर्ग की कविताओं में भाषा 'बोलती' उतना नहीं है जितना 'देखती' है और उसके काव्य-प्रभाव में हम भी अपने देखने की शक्ति को अधिक एकाग्र और सक्रिय कर पाते हैं

कला बाजार में जोरदार सफलता पाने वाले जितिश कल्लट तथा उनके जैसे कामयाब कलाकारों की कलाप्रेमियों के बीच वैसी पहचान और प्रतिष्ठा आखिर नहीं बन पाई है, जैसी पहचान व प्रतिष्ठा उनके पूर्ववर्ती कलाकारों को मिली है

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